Mukesh Bissa

Abstract Others

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Mukesh Bissa

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हिंदी की व्यथा

हिंदी की व्यथा

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हिन्दी दिवस पर्व मनाये

राष्ट्रभाषा के गुण गाये

हिंदी की व्यथा

बुरी है इसकी गाथा

पीड़ित है क्षेत्रीयता से

ग्रस्त है राजनीति से

अपमान ही होता है

मान देश का घटता है

सम्मान इसका होता रहे

भान सबको ज्ञात रहे

हिन्दी से नाता जोड़े

स्वार्थ से रिश्ता छोड़े

ऐसा करें अपना आचार

हिंदी का हो सम्पूर्ण उद्धार

हमारा हो ऐसा ही पथ

हिंदी का हो मार्ग प्रशस्त।


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