बहुत कुछ कहना था, बहुत कुछ छूट गया जो गए वक्त के साथ वो फ़साने लिखती हूँ, बहुत कुछ कहना था, बहुत कुछ छूट गया जो गए वक्त के साथ वो फ़साने लिखती हूँ,
बेटी-बेटे में ये दुनिया फ़र्क करेगी कब तक ? बेटी-बेटे में ये दुनिया फ़र्क करेगी कब तक ?
तेरे शौर्य के दर्शन से, वंचित धरती आकाश नहीं। तेरे शौर्य के दर्शन से, वंचित धरती आकाश नहीं।
अभी तो सिर्फ कुछ लम्हें लिखे है, अभी पूरी ज़िन्दगी लिखनी बाकी है। अभी तो सिर्फ कुछ लम्हें लिखे है, अभी पूरी ज़िन्दगी लिखनी बाकी है।
क्योंकि वक़्त ही ऐसा वक़्त है जो सबका आता है। क्योंकि वक़्त ही ऐसा वक़्त है जो सबका आता है।
आ गया हूँ अब तेरे आग़ोश की चाहत लिए... आ गया हूँ अब तेरे आग़ोश की चाहत लिए...