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Anshu sharma

Tragedy

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Anshu sharma

Tragedy

लडके हो रोना नही

लडके हो रोना नही

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बेटा रोए तो बचपन से कह दिया जाता है .

तू तो मेरा बहादुर बेटा है ,रोना नहीं,

क्योंकि लड़के रोते नहीं।

साइकिल चलाने पर, मैदान में गिर जाने पर ,

रोना आता है पर यह समझा दिया जाता है

रोना नहीं ,क्योंकि लड़के रोते नहीं।

समझाते हैं सब,लड़कों का मजबूत जिगर होता है,

वो छोटी छोटी बातो पर नहीं रोता है।


दिल को कमजोर नही दिखाना है,

मुस्कुराते हुए सब भूल जाना है,

रोना नही ,क्योंकि लड़के रोते नहीं।

 

आँखो मे पानी आये, तो छिपा लेते हैं

बातो को मन मे दबा लेते हैं

रोना आता है ,पर रोते नही नहीं

जी हाँ

क्योंकि ...लडके रोते नहीं।


पर क्या लड़कों में दिल नहीं होता?

जो अपने दिल मे सपने पिरोता

सपने सच ना हो तो दिल रोता है।

पर कहते हैं सब 

आँसू बाहर दिखाना नहीं ....रोना नहीं,

क्यूंकि लड़के रोते नहीं।


पर ये अब नही सिखाओ , बेटों को भी भावुक बनाओ

दिमाग से नहीं , दिल से काम लें ...

जब किसी पर आए मुसीबत, तो उसे थाम लें

माता पिता की परेशानियों को,समझे बिना बोलें

भावनाओं का दरिया बहे, थोड़ा सा उनके साथ रो लेंं,

दिल को समझने दो ,दिमाग को समझाना जरूरी नहीं

बेटे की भावनाओ का दबाना जरूरी नहीं ।


 









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