इश्क से अस्मत तक
इश्क से अस्मत तक
बेचारी अभी तो
वो "नादान" थी ,
कच्ची "उमर" में
दिल लगा बैठी !!
वो क्या जानती
इश्क के "मायने",
दिल के बदले
'अस्मत" गंवा
बैठी !!
बेचारी अभी तो
वो "नादान" थी ,
कच्ची "उमर" में
दिल लगा बैठी !!
वो क्या जानती
इश्क के "मायने",
दिल के बदले
'अस्मत" गंवा
बैठी !!