प्रिय संग आलिंगन
प्रिय संग आलिंगन
आज मिलन हो रहा है सखी
नयन संग नयन का,
बुझा लेने दो जो धधक रहा
शोला विरह अगन का ।।
साक्ष्य बन रहे ये धरती आकाश
प्रेम के मिलन का,
वर्षों से किया इंतजार सखी इस
सोलहवें सावन का ।।
चलती ये ठंडी हवायें भी चाहतीं
हो मिलन यौवन का,
मत रोक सखी लेने दे आनंद प्रिय
संग आलिंगन का ।।