कौन है ईमानदार ?
कौन है ईमानदार ?


ये दुनिया मुसाफिरों का बाजार है,
यहाँ हर किरदार एक सामान है !
सबकी अपनी अपनी कीमत है,
सब अपने आप में एक दुकान है !
आज जो खरीदार बना सामने खड़ा है,
असल में वो स्वयं भी एक सामान है !
यहाँ कहे न कोई स्वयं को ईमानदार ,
बस कोई महँगा कोई सस्ता सामान है !
यह संसार है यहाँ सबकी अपनी शान
है ,
खुदा नहीं कोई बेचे खरीदे गये इंसान
हैं !!