सितमगर
सितमगर


वो औरों की खुशी,
मेरे गम बन गये हैं।
हमदम थे जो,
कल तक मेरे।
वो आज,
सितमगर बन गये हैं।
बुझा कर
मेरे दिल से,
चाहत का दीया।
अब घर किसी और का,
रोशन करने गये हैं।।
वो औरों की खुशी,
मेरे गम बन गये हैं।
हमदम थे जो,
कल तक मेरे।
वो आज,
सितमगर बन गये हैं।
बुझा कर
मेरे दिल से,
चाहत का दीया।
अब घर किसी और का,
रोशन करने गये हैं।।