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Kumar Vikash

Tragedy

4.0  

Kumar Vikash

Tragedy

नारी सशक्तिकरण

नारी सशक्तिकरण

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नया जमाना

पुराने जमाने से

अलग नहीं है,

क्यों कि इंसान के

मन में रावण

अब भी वही है ।।


पापाचार और

दुराचार से काँप

रही ये धरा है,

हाँ दुष्टों को पता है

अब वह त्रेता के

राम नहीं हैं ।।


कहने को आजाद है

नारी सशक्तिकरण

की चहुँ ओर हुँकार है ,

फिर क्यों द्रौपदी

दुशासन के हाथों से

अब भी रिहा नहीं हैं ।।



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