ये वो माला है जो एक धागे में गुँथे पिरोये हैं ये सारे रिश्ते ये वो माला है जो एक धागे में गुँथे पिरोये हैं ये सारे रिश्ते
जय होगी आदमी जैसे भगवान की। जय होगी आदमी जैसे भगवान की।
बाहर के रावण तुम बहुत जला चुके पहले अपने अंदर के रावण को जलाओ। बाहर के रावण तुम बहुत जला चुके पहले अपने अंदर के रावण को जलाओ।
हंसी, खुशी, मुस्कुराहट, प्रेम-प्रीति छोड़कर.. हंसी, खुशी, मुस्कुराहट, प्रेम-प्रीति छोड़कर..
जिन हाथों ने तन नोचा है , उन हाथों को काटे हम । टुकड़े टुकड़े कर के चीलों। .. जिन हाथों ने तन नोचा है , उन हाथों को काटे हम । टुकड़े टुकड़े कर के चीलों।...
जो हमें मानवीय मूल्यों के पाठ भुलाती है। जो हमें मानवीय मूल्यों के पाठ भुलाती है।