Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sumit Mandhana

Drama

5.0  

Sumit Mandhana

Drama

रावण का सवाल

रावण का सवाल

1 min
447


जैसे ही हुई रावण को जलाने की तैयारी,

अट्टहास ही गर्जना सुनाई दी सबको भारी।


रावण का पुतला जोर से बोलने लगा,

भीड़ में लोगों को उसको बोलना खलने लगा।


रावण ने लोगों से किया एक सवाल,

आज भले हो जाने दो तुम इस बात पर बवाल।


सिया को मैंने एक बार चुराया

तुम मुझे हर साल जलाते हो,

सही मायने में आखिर राम बनकर

क्यों नहीं दिखाते हो।


मेरे यहां तो अशोक वाटिका में सिया थी महफूज,

तुम्हारे समाज में तो बहन बेटियां कहां है महफूज।


आए दिन उन पर दुराचार और दुष्कर्म हो रहे हैं,

तुम्हे नहीं पता लेकिन भगवान भी, यह देख कर रो रहे हैं।


सजा देनी है तो उनको दो जिन्होंने मेरा भी नाम है खराब किया,

मैंने तो सिया के सिवाय कभी किसी को नहीं हाथ लगाया।


हो सके तो इस बार दशहरा कुछ अलग ढंग से मनाओ

बाहर के रावण तुम बहुत जला चुके

पहले अपने अंदर के रावण को जलाओ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama