एक प्रेरणात्मक सोच
एक प्रेरणात्मक सोच
आशीर्वाद बड़ों का हो तो क्या बात हो,
प्यार छोटों से मिले तो क्या बात हो,
साथ अपनों का मिले तो क्या बात हो,
बेगाने भी अपने बन जाए तो क्या बात हो,
दुश्मन भी दोस्त बन जाए तो क्या बात है,
जुल्म और जुर्म दोनों मिट जाए तो क्या बात हो,
इंसानियत सब में आ जाए तो क्या बात हो,
पेड़ पौधों की कद्र बढ़ जाए तो क्या बात हो,
हर कोई पशु-पक्षी को चाहने लगे तो क्या बात हो,
सच में ऐसा सब हो जाए तो क्या बात हो,
अभिलाषा पूर्ण हो जाए 'सुमित' कि यह तो क्या बात हो!