" इनसे सीखो "
" इनसे सीखो "
जलो मगर दीए की तरह,
जो खुद जलकर औरों को
रोशन करता है।
गिरो मगर झरने की तरह,
जो गिर कर भी ऊर्जा
पैदा करता है।
चाहो तो पतंगे की तरह,
जान चली जाती है
फिर भी शमा को चाहता है।
मिटो तो कैंडल की तरह,
जो खुद को मिटा कर भी
अन्धेरा भगाता है।