झरना का लक्ष्य है सागर में मिलना, ऊँची-नीची राहों से इसको क्या करना ! झरना का लक्ष्य है सागर में मिलना, ऊँची-नीची राहों से इसको क्या करना !
पत्थरों से निकल झरना बन विस्तार पाऊँ गुनगुनाती सरिता बन गहरे समुद्र से मिल लूं। पत्थरों से निकल झरना बन विस्तार पाऊँ गुनगुनाती सरिता बन गहरे समुद्र से मिल लू...
ममता की छाँव सी नारी बेटी के दुलार सी नारी। प्यारी प्रियंवदा सी नारी प्रतिशोध की मूरत भी नारी। ममता की छाँव सी नारी बेटी के दुलार सी नारी। प्यारी प्रियंवदा सी नारी प्रतिशोध...
तू ही तो है जो दिखता है हर पल साये में मेरे। तू ही तो है जो दिखता है हर पल साये में मेरे।
रंज थी या दर्द के कोहरे में लिपटे थे रंज थी या दर्द के कोहरे में लिपटे थे
धीरे-धीरे विदा लेती हूं सागर में डूबती हूं। धीरे-धीरे विदा लेती हूं सागर में डूबती हूं।