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Dipti Agarwal

Romance

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Dipti Agarwal

Romance

गूँज -साये में मेरे

गूँज -साये में मेरे

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आँखों ने गूंथे कई ख्वाब तेरे,

चासनी से मीठे, नर्म तकिये पे,

ख्वाबों का झरना है बह जायेगा,

पलकें खुलती ही ढह जायेगा,

तू ही तो है जो दिखता है,

हर पल साये में मेरे।


मैं तो बरसों से तू बन चुका,

मुझमे में मेरा बाकी कुछ भी न रहा,

उस पल जिस दिन तूने है छुआ,

मेरी रगों में तब से तू ही रवां।


बनके खुशबू जो मुझसे महके,

तेरी हसी के फुवारुं में दिल बहके,

उस पल जिस दिन तूने मुझसे कहा,

ये धड़कन तेरी हुई तू मेरा,

मेरी रूह में तबसे तू ही घुला तू ही सजा।


ख्वाबों का झरना है बह जायेगा,

पलकें खुलती ही कह जायेगा,

तू ही तो है जो दिखता है 

हर पल साये में मेरे।


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