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Lakshman Jha

Abstract Inspirational

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Lakshman Jha

Abstract Inspirational

झरना

झरना

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झरना का लक्ष्य है सागर में मिलना ,

ऊँची-नीची राहों से इसको क्या करना !


चाहे उसे आये लाखों मुसीबत,

फिर भी कभी इसने हिम्मत न हारी !

गिरते संभलते चला राह अपनी,

प्यासे को अमृत से प्यास बुझायी !

दिया है ये गति में संगीत अपना,

ऊँची-नीची राहों से इसको क्या करना !

झरना का ......!


गिरता है झरना ऊँचे शिखर से,

रोता नहीं .......तड़पता नहीं है !

होती नहीं उसकी धूमिल दशा,

थपेड़ों से वो घबड़ाता नहीं है !

सीखा उसी ने गिरकर संभलना,

ऊँची-नीची राहों से इसको क्या करना !


झरना का लक्ष्य है सागर में मिलना,

ऊँची-नीची राहों से इसको क्या करना !!


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