बारिश
बारिश


काले बादलो से छम छम कर गिरती है बूंदें
महोब्बत को महकाती है ये बारिश।
महीनों से प्यासे बैठे चातक की प्यास बुझाती
छम छम कर गिरती ये बूंदें।
तपती धूप में राह देखते किसान के मुँह पर मुस्कान
लाती ये छम छम कर गिरती बरिश।
कागज की कश्ती का मजा देती ये
बच्चों को खेलने का नया तरीका बताती
छम छम कर गिरती ये बूंदें।
पहले प्यार की अपनी दिलरुबा की
यादों में ले जाती
छम से आती मौसम की पहली बारिश।
ओर कभी तबाही बन कर सब बर्बाद करके
यह सिखाती है प्रकृति का जतन कैसे करे
हाय ये मौसम की बारिश !