रूक जाना नहीं
रूक जाना नहीं
हर बार अच्छे नंबरो से पास होता था,
इस बार मैं नही हो सका,
क्या मैं ही नही महेनत कर पाया!
क्या मैं ही बेकार हूॅ!
कई सवालो से घिरा हूॅ।
डर है की लोग क्या कहेगे?
वह मुझ पे हंसेगे।
क्या करूं अपनी जिंदगी यहीं पे खत्म कर दूं,हां यही ठीकक रहेगा,
लेकिन तभी मेरे अंदर से एक आवाज उठी,
अरे तू गिरा ही तो है,फिर से उठ ओर करके दिखा।
अरे तू हारेगा तब जब तु महेनत कर ना छोड देगा
तुने प्रयत्न तो किया एक और बार कर ले।
तू सफल होगा यकीन मान,तू कभी रूकना मत
बस बढता जा ,तू सफल होगा।।
