Maitry Bhandari
Drama
यदि आप तेजी से धधक रहे हैं,
तो दुनिया दिखेगी या चमक जाएगी।
अगर आपका चरित्र टूट जाता तो भी
अम्बर आपको परेशान नहीं करता।
नजदीकियाँ
रूक जाना नहीं
सपनों का शहर
युवा
किताबे
आज़ाद पंछी
चाहत
तेरी यादें
तेज
आखिर प्यार तो...
लहरों के बीच अपनी कश्ती में किनारे से दूर बैठा हूँ...। लहरों के बीच अपनी कश्ती में किनारे से दूर बैठा हूँ...।
बादलों की तरह कल फिर आओगे शायद इस गलतफहमी में थे बादलों की तरह कल फिर आओगे शायद इस गलतफहमी में थे
मौज बनाते, होती, बचपन की सुंदर कितनी याद। मौज बनाते, होती, बचपन की सुंदर कितनी याद।
उस लम्हे में मैंने देखा है मौत को... बहुत करीब से जिया है उन लम्हों को तिल तिल कर के उस लम्हे में मैंने देखा है मौत को... बहुत करीब से जिया है उन लम्हों को ...
हाँ कोमल हूं मैं फूल सी और एक पंख सी नाजुक हूँ पर नाम आए परिवार का तो सबसे लड़ जाती है हाँ कोमल हूं मैं फूल सी और एक पंख सी नाजुक हूँ पर नाम आए परिवार का तो सबसे लड़...
जहाँ झुकी पलकों के सायों तले और बेमन सी मुस्कान पर लोग रीझ जाते जहाँ झुकी पलकों के सायों तले और बेमन सी मुस्कान पर लोग रीझ जाते
जैसे आधार नंबर मात्र एक डेटा है.... एक शरीर का...एक वोट का.... जैसे आधार नंबर मात्र एक डेटा है.... एक शरीर का...एक वोट का....
पर तू क्यों नहीं समझ रहा कि मेरी दिल की राह पर अब तू है। पर तू क्यों नहीं समझ रहा कि मेरी दिल की राह पर अब तू है।
चलना-जाना अकेले हर पल, जग मेला निर्जन, बंजर, हर भाव से खाली है चलना-जाना अकेले हर पल, जग मेला निर्जन, बंजर, हर भाव से खाली है
एहसासों की हत्या कर, सब कुछ पराया करना, एहसासों की हत्या कर, सब कुछ पराया करना,
आकर ख़्वाबों में यूँ रोज-रोज तूम.. और इस दिल को बेक़रार न कर आकर ख़्वाबों में यूँ रोज-रोज तूम.. और इस दिल को बेक़रार न कर
अंदर और बाहर एक जैसे ही चेहरे है, हमारे पर इंसानी फ़ितरतों से गर्दिश में है, अंदर और बाहर एक जैसे ही चेहरे है, हमारे पर इंसानी फ़ितरतों से गर्दिश में है,
तू हिम्मत न हार, मन छोटा ना कर, मन को अपने सुमेरु बना l तू हिम्मत न हार, मन छोटा ना कर, मन को अपने सुमेरु बना l
जिन्हें शब्दों-वर्तनी-प्रोत्साहन से रचना-सार ने सींचा हो। जिन्हें शब्दों-वर्तनी-प्रोत्साहन से रचना-सार ने सींचा हो।
किस शांति की तलाश में घाट घाट भटकता है हूं ये कैसा योगी मैं और किस योग में हूं मगन किस शांति की तलाश में घाट घाट भटकता है हूं ये कैसा योगी मैं और किस योग में हू...
अतृप्त इच्छाओं का पागल बवंडर समझा है जिसे तुमने पास आकर देखो अतृप्त इच्छाओं का पागल बवंडर समझा है जिसे तुमने पास आकर देखो
ख्वाब देखना भी हिम्मत वालों का शौक है वह जो परछाइयों पीछा करके खुश है। ख्वाब देखना भी हिम्मत वालों का शौक है वह जो परछाइयों पीछा करके खुश है।
एक जीत पाने के लिए, कई हार साथ होती है ! एक जीत पाने के लिए, कई हार साथ होती है !
कभी जरा सी हवा चली तो बिखर जाता है सपनों का महल l कभी जरा सी हवा चली तो बिखर जाता है सपनों का महल l
ऊंचे पहाड़ों के ठंडे दर्द अपनी पुकार से बांध लेते है ऊंचे पहाड़ों के ठंडे दर्द अपनी पुकार से बांध लेते है