अपमानित होते हम हर बार।
अपमानित होते हम हर बार।
मान सम्मान के बीच में फंसी ये जान
करते रहे जीवन भर जिसका रख रखाव
उसी ने दिया जीवन का ऐसा घाव
न भरे मरते दम तक ऐसा ये घाव
दे दिया उसको जीवन भर का प्यार
लालन पालन और अपना सारा राज दुलार
मिला हम को ऐसा उपहार
शब्दों के रूप में हुआ सम्मान पर प्रहार
मिला हमको अपमानित होने का उपहार
करते रहे खुशी- खुशी जिसपे सब कुछ वार
वही करते है सम्मान पर प्रहार
वाह रे कलियुग तेरी मार
कैसा ये अपनो का अपमानित प्रहार
कैसे करें बयां घायल दिल का हाल
कि अपमानित करते है अपने ही हर बार
और होते रहे अपमानित हम हर बार....
होते रहे अपमानित हम हर बार....