तेरी मजबूरी
तेरी मजबूरी
वाह रे तेरी मजबूरी की भी क्या बात है।
तेरा हर बहाना लाजवाब है।
हर बार कोई नया तेरा किस्सा है।
तेरा हर बहाना तुझ सा अनोखा है।
हर बार कुछ ना कुछ नया तू सुनाती है।
दुनिया जगत की हर बात तुझे सताती है।
वाह रे तेरी मजबूरी की भी क्या बात है।
तेरा हर बहाना लाजवाब है।
कभी ये समाज है तो कभी तेरी लाज है।
तेरी जिंदगी तुझे छोड़कर घूमती सबके आसपास है।
सबके सुख की तुझे ही तो पड़ी है।
तू ही तो हर घर की मजबूत कड़ी है।
वाह रे तेरी मजबूरी की भी क्या बात है।
तेरा हर बहाना लाजवाब है।