घटाकर देखो तो शून्य, गुणा-भाग में समान, घटाकर देखो तो शून्य, गुणा-भाग में समान,
किताबें और हमें एक साथ रहना चाहिए। किताबें और हमें एक साथ रहना चाहिए।
मोर भी इस मौसम में अपने पंख फैला कर लहरा रहे है, और बारिश की बूंदो के साथ ताल से ताल मिला... मोर भी इस मौसम में अपने पंख फैला कर लहरा रहे है, और बारिश की बूंदो के साथ...
क्यूँ ये तन्हाइयाँ है कोई जानने वाला भी होता। क्यूँ ये तन्हाइयाँ है कोई जानने वाला भी होता।
काठ जैसी हो गई हूँ मैं कहाँ मेरे जैसी रह गयी हूँ। काठ जैसी हो गई हूँ मैं कहाँ मेरे जैसी रह गयी हूँ।
ये नज़रिया क्या है ? ये कुछ भी नहीं है, ये सब कुछ है ये नज़रिया क्या है ? ये कुछ भी नहीं है, ये सब कुछ है