जब इन्सानने, दिल के अंदर ही नहीं, हमें बिठाया....!! जब इन्सानने, दिल के अंदर ही नहीं, हमें बिठाया....!!
वाह रे तेरी मजबूरी की भी क्या बात है। तेरा हर बहाना लाजवाब है। वाह रे तेरी मजबूरी की भी क्या बात है। तेरा हर बहाना लाजवाब है।