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Bhawna Sharma

Abstract Fantasy Inspirational

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Bhawna Sharma

Abstract Fantasy Inspirational

युद्ध

युद्ध

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युद्ध तेरा है ।

सिर्फ तेरे ही विरुध।


कितने दशको का है ये युद्ध।

कितना पाया कितना खोया।


दो वक़्त के भोजन ।

कि चाहत में ।


ना जाने तुने क्या - क्या है कर दिखया।

फिर भी तेरा ये मन ना भर पाया।


पल-पल वक्त ये बदलता जाए।

फिर भी कोई ना ये समझे पाए।


भुले सब दो पल का चैन।

कमाई की दौड़ में है सब बैचैन।


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