सवाल
सवाल
कोई जवाब नहीं उसके पास मेरे सवालों का,
बड़ी आसानी से फिर उसने दोषी हमें हर बात का ठहरा दिया।
वो भागता है मुझसे और सच से
वक्त बहलाने को बस जैसे साथी हमें उसने बना लिया ।
जिंदगी का हिस्सा बता रहा मुझे कहने को,
फिर क्यों सबके आगे मुझे ही अजनबी बता दिया।