वादे पूरा करना भूल जाता है
वादे पूरा करना भूल जाता है
बहुत से वादे किए सदा उसने मुझसे,
बस उन्हें पूरा करना भूल जाता है।
कहता है मोहब्बत है उसे मुझसे बेपन्हा,
बस रिश्ता मोहब्बत का जताना भूल जाता है।
उसका मन हो तो बोलता भी बहुत हैं मुझसे,
बस सिर्फ मेरा मन रखना भूल जाता है।
दोस्त और अपने टूटे रिश्ते भी वो सदा निभाता है,
बस मेरा क्या वो, ये रिश्ता भूल जाता है।
पढ़ा लिखा समझदार सब समझता है वो,
बस मेरा दर्द ए दिल पढ़ना समझना भूल जाता है।

