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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

मेरे लिये अनमोल है

मेरे लिये अनमोल है

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मेरे चित्त का चोर है,

फिर भी मेरे मन का मोर है, 

भले ही वो मुझ से दूर है लेकिन,

मेरे लिये अनमोल है।


सपनों में आकर सताता है मुझ को,

रुबरु मिले तब रुलाता है मुझ को,

भले ही वो दिल का कठोर है लेकिन,

मेरे लिये अनमोल है।


मिलने के लिये बुलाता है मुझ को,

वादें तोड़कर तड़पता है मुझ को,

भले ही वो शरारत करता है लेकिन,

मेरे लिये अनमोल है।


प्रेम दीवानी बनाता है मुझ को,

प्यार के लिये तरसाता है मुझ को,

भले ही बाँवरी बनाता है "मुरली", 

मेरे लिये अनमोल है।



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