अलविदा 🥹🥹
अलविदा 🥹🥹
ना जाने कैसी दुनिया है यह
अब सब अपने भी मतलबी से लगते है
सभी दूसरों को खुश करने में लगे है
लेकिन कोई नहीं है ऐसा
जो हमारी खुशियों को देख सके
कोई नहीं है यहां जो
हमारे जज़्बातों को समझ सके
सब अपने छलावे की दुनिया मग्न है
अब तो अपने कहलाने वाले लोग बेगाने से लगते है
सोने की चिड़ियाँ बस अब एक रेत का ढेर सा लगता है
फिर भी क्यों यह बेगाने लोग हमें अपने से लगते है
वक़्त आ गया है, आँखों में आंसू लिए अलविदा कहने का
आखिर वो दिन आ ही गया जिसका हमें डर था !!