देश प्रेम
देश प्रेम


हम आज 74 वाँ गणतंत्र दिवस
पूरे हर्ष और उल्लास के साथ बना रहे है
सब कुछ बहुत ही अच्छा है
हमारे देश में
बस अपेक्षाये कम नहीं है
हम पारले जी की बिस्किट खाते है
और पैकेट को रास्ते में फेंक देते है
क्यों की कोई दूसरा कचरा उठाये
उसे डस्टबीन में क्यों नहीं डालते
रास्ते में किसी का एक्सीडेंट हो जाता है
हम उसे हॉस्पिटल नहीं ले जाते है
सोचते है कि कोई और ले जा लेगा
हम क्यों नहीं
हम अपनी सोच नहीं सुधारते
दूसरों से नहीं खुद से उम्मीद रखे
खुद कटे तो बेहतर भारत बना कर
हम देश प्रेम निभा सकते है।