borge maneesha

Drama Inspirational Others

4.6  

borge maneesha

Drama Inspirational Others

लम्हे बचपन के

लम्हे बचपन के

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अब प्रश्न करूँ या जवाब दूं

इस बात से मैं खुद हैरान हूं

क्यों बिता मेरा बचपना अचानक से

सब कुछ बदल गया उसके जाने से।


कितना हसीन था मेरा बचपना

मुझे बुरा लगा तेरा बीत जाना।


ना किसी की फिक्र थी

ना किसी का मैं दीवाना था

बापू के कंधे पर बिता पूरा ये बचपना था

जेब में दो रुपए का सिक्का था

और मां के पल्लू का सहारा था।


कितना हसीन था मेरा बचपना

मुझे बुरा लगा तेरा बीत जाना।


मिले मौका तो फिर से जी लूं तुझे

कोई मिलाकर दे जहर में तो पी लूं तुझे

मुझे मेरी दोस्तों की टोली चाहिए

बचपन की अनमोल बोली चाहिए।


क्यों बिता मेरा बचपना अचानक से

सब कुछ बदल गया उसके जाने से।


अब प्रश्न करूँ या जवाब दूं

इस बात से मैं खुद हैरान हूं....


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