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borge maneesha

Abstract Drama

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borge maneesha

Abstract Drama

कहूं तो किससे कहूं!

कहूं तो किससे कहूं!

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कहूं तो किससे कहूं ? और कैसे कहूं?

मुझे समझने वाला कोई नहीं यहां !

कहूं तो किससे कहूं और कैसे कहूं?

मुझे समझने वाला कोई नहीं यहां!


कह कर देखा दर्द मैंने कुछ लोगो से!

पर तब मेरा दर्द दर्द ना था!!

पर तब मेरा दर्द दर्द ना था!!

मैंने सुना था किसी दूसरे से,

वो तो बस एक तमाशा था!


अब क्या कहूं इस जमाने से?

इसने मेरा मज़ाक बनाकर रखा है

इन लोगों ने मुझे जोकर, और

मेरी जिंदगी को तमाशा बताया है


कहूं तो क्या कहूं और किससे कहूं?

मुझे समझने वाला कोई नहीं यहां!

कहूं तो क्या कहूं और किससे कहूं?

मुझे समझने वाला कोई नहीं यहां!!


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