"समझने" लगे हो मुझे , तुम ही "कुछ अलग" हो. "समझने" लगे हो मुझे , तुम ही "कुछ अलग" हो.
धूल की परवरिश में अच्छा लगे, कीचड़ के संग-संग कीचड़ होते। धूल की परवरिश में अच्छा लगे, कीचड़ के संग-संग कीचड़ होते।
अब क्या कहूं इस जमाने से? इसने मेरा मज़ाक बनाकर रखा है अब क्या कहूं इस जमाने से? इसने मेरा मज़ाक बनाकर रखा है
वफाई अगर ना कि होती तो, अंजाम कुछ और होता वफाई अगर ना कि होती तो, अंजाम कुछ और होता
अपनी तो बस यही कहानी....भाई अपने शाहरूख हैं, आमीर से बनती नहीं, और सलमान की अभी शादी करानी है.... अपनी तो बस यही कहानी....भाई अपने शाहरूख हैं, आमीर से बनती नहीं, और सलमान की अभी ...