तुझे परमात्मा कहूँ , दिल कहूँ, फरिश्ता कहूँ या जान कहूँ? जो भी कहूँ लाजवाब कहूँ ! तुझे परमात्मा कहूँ , दिल कहूँ, फरिश्ता कहूँ या जान कहूँ? जो भी कहूँ लाजवाब क...
उस वक्त की जब मैं रोया था उस वक्त की जब मैं रोया था
जब एक लड़की कुछ कहती है तब भी गलत, नहीं कहती फिर भी गलत| इस पर ये कविता व्यंग्य है समाज पर .... जब एक लड़की कुछ कहती है तब भी गलत, नहीं कहती फिर भी गलत| इस पर ये कविता व्यंग्य ह...
मन में जगा घोर वीतराग, कैसे ख़ुद से मोह जगाऊं ? मन में जगा घोर वीतराग, कैसे ख़ुद से मोह जगाऊं ?
अब क्या कहूं इस जमाने से? इसने मेरा मज़ाक बनाकर रखा है अब क्या कहूं इस जमाने से? इसने मेरा मज़ाक बनाकर रखा है