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मज़ाक metoo मोह वीतराग लोग दर्द वक़्त कहूँ मैं कैसे? घोर nirbhaya क्या कहूँ क्या न कहूँ तमाशा जोकर समझने लाजवाब कहूँ जमाने कही अनकही कुछ तो कहना था जो भी हँसा

Hindi कहूँ Poems