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Hindi
वीतराग
Poems
ca. Ratan Kumar Agarwala
Classics
Inspirational
क्या कहूँ क्या न कहूँ
मन में जगा घोर वीतराग, कैसे ख़ुद से मोह जगाऊं ?
मन में जगा घोर वीतराग, कैसे ख़ुद से मोह जगाऊं ?
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