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yogyata sharma

Drama

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yogyata sharma

Drama

जलन

जलन

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तुम्हे जलने की आदत है, हमें चलने की आदत है।

पुरानी शख्सियत तेरी, हमें ढलने की आदत है।।

तेरी हर चाल को समझा, तेरे हर रूप को जाना।

पुरानी फितरत ये तेरी, हमें बढ़ने की आदत है।।

कभी हम भूल भी जाये, तो अक्सर याद फिर आये।

तू तरुवर नीम के जैसा, तुझे कड़वे की आदत है।।


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