समय
समय
तेरी बदली चाल देखी,
तेरा बदला हाल देखा।
समय के चक्र का पहिया
बदलता बार बार देखा।
ना जाने किस गुमा में जो
चलते थे वो इतरा के,
उन्हीं कदमों को हमने ठोकरों से
बदले हाल देखा।
तू अच्छा है तो अच्छीहै
जो तू बदला तो जग बदला ,
इन्हीं गिरगिट के रंगों सा
बदलता एतबार देखा।
बुरा हो तो सिखा देता,
भला भी सीख दे जाता।
तेरे रूपों से हमने इस धुंध
के आर पार देखा।
