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yogyata sharma

Inspirational

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yogyata sharma

Inspirational

मन

मन

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बीतती जा रही इस जिन्दगी ने,

कदम दर कदम कितने रंग दिखाये।

कभी आँसुओं से आंचल भिगोया,

कभी देख खुशियाँ छलक फिर से आये।

कभी थक के कदमों को राहों में रोका,

कभी उठ के फिर से ये राहों में आये।

यही सोचता मन यूँ कब तक चलेगा,

नदी रुपी मन संग यूँ कब तक बहेगा।

मिले छाँव एसी वही ठहर जाऊँ,

गगन में कभी मैं भी टिम टिमाऊं।


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