पेड़
पेड़
गर न होते पेड़ जमीं पर
कैसी होती धरती सारी
प्रकृति का वजूद न होता
हरियाली गुम हो जाती सारी।
बिन हरियाली जीवन कैसा ?
बिन पेड़ों के श्वास कहाँ?
बिन साँसों के जीवन नहीं
बस कार्बन का वास वहाँ।
सोच हमें डराती
जीवन से दूर ले जाती
गर न होंगे पेड़ तो सोचो
हम भी कहाँ जिंदा होंगे।
सब जाने ,सब पहचाने
पर पेड़ काटने से न माने
अपने स्वार्थ सिद्ध करने को
औरों के जीवन दाव करे।
माना जरूरत पूरी करनी है
लकड़ी भी लानी जरूरी है
किस न कहा मत पेड़ लगाओ
एक काटो तो पाँच लगाओ ।
पेड़ हमारे जीवन दाता
इनसे है जन्मों का नाता,
पृथ्वी पर जीवन बचाना है
हर एक को पेड़ लगाना है।