गर्व है मुझे की मैं एक नारी हूँ
गर्व है मुझे की मैं एक नारी हूँ
बन्ध हूँ मैं एक पिंजरे मे
खडे़ है लोग नोचने मे
मार देते है कोक मे जब पता लगता है की मैं एक नारी हूँ
मगर नही डरूँगी
नही रुकूगी
क्यू ना हो ज़ंजीरो पैरो मे गिरूगी उठूँगी
दिखाउँगी दुनिया को की मे भी एक नारी हूँ
जीत लूँगी इस दुनिया को
देश को मैं चलाउँगी
पुरुष की इस दुनिया मे
नाम करके दिखलाउँगी
नही डरूगी
नही रुकूगी
ऊड़के मैं दिखलाउँगी नाम करके जाउँगी
इस पुरुषो की दुनिया मे
ऊड़कर मैं दिखलाउँगी
गर्व है मुझे की मैं एक नारी हूँ
