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Pinky Dubey

Abstract Others

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Pinky Dubey

Abstract Others

कल किसने देखा है

कल किसने देखा है

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जिंदगी बहुत छोटी है

जितनी भी है खुल के जियो

आज है कल नही

कल किसने देखा है

इंसान को प्यार करते हुए देखा है

इंसान को पल बर में बदलते देखा है

जिसपे इतना भरोसा किया उसे धोखा देते देखा है

जिस माँ बाप ने पाला पोसा

उस घर से निकालते देखा है

जिसे इतना प्यार किया उसे पीठ पर छुरा भोंकते देखा है

मतलब की दुनिया है

अपने आप को रोते देखा है

सपनों के महल को टूटते देखा है

जिंदगी बहुत छोटी है

खुद के लिए जियो

मतलबी बन जाओ

इस मतलबी दुनिया के लिए

कोई किसी का नही है

खुद के लिये जियो

कल किसने देखा है


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