था वोह एक इंसान
था वोह एक इंसान
था वोह एक इंसान जो अपने से ज्यादा दुसरो के लिए सोचता था
था वोह एक इंसान जो भारत को बुलंदी पर ले जाना चाहत था
था वोह एक इंसान जिसके दिल में बस्ता हिन्दुस्तन था
था वोह एक इंसान जिसका परिवार पुरा भारत था
था वोह एक इंसान जो भारत के दुःख को अपना दुःख मनता था
था वोह एक इंसान केहता था अगर दुर तक चलना है तोह साथ मिलकर चलो
था वोह एक इंसान केहता था अगर अपके ऊपर कोइ पथर फेके तोह अपने पास रको
और उस पथर से अपना एक सुन्दर घर बनवाओ
था वोह एक इंसान जो केहता था जिंदगी में उतार-चढ़ाव तोह महत्वपूर्ण है
था वोह एक इंसान जिसने अपनी पुरी जिंदगी भारत केलोगो की सेवा मे लगादी
था वोह एक इंसान जिसने जो इंसान और जनवरो में भेद भव नही करता था
जो भी उसके सरन में आया उसने उसकी मदद करी
था वोह एक इंसान जो अपनी 66% कमाई भारत की भलाई के लिये दे देता था
था वोह एक इंसान जिसने भारत के लोगो को नोकरी दी
था वोह एक इंसान जिसका नमक हर भारतीय ने खाया है
जिसे हम प्यार से केहते है रतन टाटा सर