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Anjneet Nijjar

Abstract

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Anjneet Nijjar

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याद

याद

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भूली हुई कहानी कोई,

अक्सर याद आती है ,

जब खिलते है नए फूल पुरानी डाली पर,

जब मीठी धूप छन कर आये छत पर,


जब तितलियाँ अठखेलियाँ करे कलियों पर,

जब लहरें करें शोर किनारों पर,

अक्सर याद आती है,

भूली हुई कहानी कोई,


चलती है आज भी साथ,मीठी याद बन कर ,

बीते लम्हों की सौगात बन कर,

जरुरी नहीं हर कहानी दुखद हो,

कुछ यादें होती है , ओस सी,


आती हैं भीनी सी खुश्बू और ताज़गी लिए,

भरती जो तन-मन को रोमांच से,

इक हल्की आँच से,

अक्सर याद आती हैं, भूली हुई कहानी कोई,

सुबह या साँझ से।


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