चहचहाना तेरी खूबी क्यों शांत बैठती हो। चहचहाना तेरी खूबी क्यों शांत बैठती हो।
जीत लूँगी इस दुनिया को जीत लूँगी इस दुनिया को
कौन कहता है कि परिंदे पिंजरों में रहना पसंद नहीं करते हैं ! कौन कहता है कि परिंदे पिंजरों में रहना पसंद नहीं करते हैं !
अब जो फ़िर मिले हो तो ज़रा पास तो बैठो ये शख्स कहां किसी को अपने पास बुलाता है, अब जो फ़िर मिले हो तो ज़रा पास तो बैठो ये शख्स कहां किसी को अपने पास बुलाता है,
भीगी पलकें हो जाने पर कोई आँसू पोंछ ने वाला नहीं भीगी पलकें हो जाने पर कोई आँसू पोंछ ने वाला नहीं
भार बहुत है इसका ये सामान उतारो, मेरे सर से तुम अपना एहसान उतारो। भार बहुत है इसका ये सामान उतारो, मेरे सर से तुम अपना एहसान उतारो।