नारी सृष्टि की रचयिता
नारी सृष्टि की रचयिता
तुम ही हो सृष्टि की रचयिता
वंश बढ़ाया तुमने सभी का
सीता सावित्री से निकल कर
अब बन गई तुम भगवत गीता
तुम ही दिव्य शक्ति दायिनी हो
ममता की तुम्ही संचारिणी हो
हरियाली धरा पे तुम ही बिखेरो
वसुंधरा तुम जग में प्यार ही उडेलो
कभी मदर टेरेसा बन नन्हे मुन्नों को
संवार रही हो
कभी किरण बेदी बन कर दुश्मन को
धूल चटा रही हो
इंदिरा गांधी लक्ष्मी बाई ने हमको
जीवन जीना सिखाया
शीला दीक्षित और अरुंधति जी ने
जीवन जीने का मार्ग दिखाया
सानिया मिर्जा फोगट बहने
खेल में जीते जा रही है
कल्पना चावला विलियम्स बहने
अंतरिक्ष घूम के आ रहीं है
राष्ट्र पति प्रतिभा पाटिल ने
हमको अपने स्व से मिलाया
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल बन
अनुसूया जी ने मान बढ़ाया
श्रंगार रस की तुम ही हो नायिका
वीर रस में भरी तुमने ही वीरता
जूही की कली सी तेरी कोमल काया
पर शक्ति की भी है तुझ में
अद्भुत माया
भारतीय समाज तुझे ए नारी
सदा ही कमजोर समझता आया
जल थल वायु समाज राजनीति
किस क्षेत्र में तुमने नाम ना कमाया
कहाँ कहाँ पहुंची नहीं नारी
उसने हिला दी दुनिया सारी
पहले पुरुष की अनुगामिनी थी
अब सबसे आगे चलती है नारी
आज शुभा करती यहां
देश की मातृ शक्तियों का चिरवंदन
और यहां उपस्थित दिव्य विभूतियों का
भी करती शत शत अभिनन्दन
शत शत अभिनंदन हार्दिक अभिनन्दन