ऐ नारी
ऐ नारी
ऐ नारी तू विश्व की निर्मात्री है
तू इससे डरना मत सीख
तू इसके हर सदस्य की जन्मदात्री है
तू इस पे मारना मत सीख
गांधी नेहरू और भगत सिंह ने
तुझ से ही जन्म लिया
देश के मूर्धन्य साहित्यकारों का
तुझ से ही तो उदय हुआ
फिर सुन ए वीरों की जननी
तू शक्तिहीन बनना मत सीख
तू इसके हर सदस्य की जन्मदात्री है
जब भी पड़े गैरो के कदम धरा पे
तूने हुंकार भरी
लक्ष्मी, दुर्गा, इंदिरा बन लोगो की
करुण पुकार सुनी
फिर अपने ही देश में दहेज
अग्नि में जलना मत सीख
तू इसके हर सदस्य की जन्मदात्री है
एक तरफ सुकुमरी है तू
निर्मल कोमल कंचन काया
वक़्त पड़े तो बन जाय
चंडी काली तेरी अद्भुत माया
दिव्य अलौकिकता की प्रतिमूर्ति
तू खंडित होना मत सीख
तू इसके हर सदस्य की
सुषमा स्वराज, अरुंधति, सानिया
आज की सशक्त नारी हैं तो
कल्पना चावला फोगाट बहने
लेफ्टिनेंट स्नेहा अवनी सब पे भारी हैं
विश्व विजय पताका फहरा कर
मर्द के पीछे छुपना मत सीख
तू इसके हर सदस्य की
तू सबला ही अच्छी लगती
अबला दिखना तुझे ना फबता
आदर्श सशक्त तेजस्विनी
तुझ पर शौर्य ताज ही अच्छा लगता
प्रकृति को जीवन देने वाली
अब उसमे ही मिटना मत सीख
तू इसके हर सदस्य की जन्मदात्री है
तू इसके मारना मत सीख
ऐ नारी तू समाज की निर्मात्री है
तू इससे डरना मत सीख
तू इसके हर सदस्य की जन्मदात्री है
तू इसके मरना मत सीख