माँ का आंचल
माँ का आंचल
माँ तेरे आंचल में मैंने खुद को
बड़ा होते हुए देखा है!
बचपन से लेकर आज तक की है
मेरी हर ख़्वाहिश पूरी तुमने!
मेरी हर परेशानी में मैंने तुझे
परेशान होते देखा है!
माँ तेरे आंचल में मैंने खुद को
बड़ा होते हुए देखा है!
मेरे लाड प्यार शरारती पन के कारण
खाती थी पापा से अक्सर डांट तुम!
मुझे बुखार हो जाने पर सारी रात
जागते हुए तुम्हें देखा है!
माँ तेरे आंचल में मैंने खुद को
बड़ा होते हुए देखा है!
हमारे सुख दुख में हर तरह से बनी हो
परिवार के लिए तुम संकट मोचन हम
सबकी!
घर में पैसों की परेशानी हो जान
े पर
वह छुपाई हुई गुल्लक फोड़ते हुए देखा है!
माँ तेरे आंचल में मैंने खुद को
बड़ा होते हुए देखा है!
खुद भूखी रहकर ना जाने
कितनी बार
तूने खिलाया है हम सबको अपने
हिस्से का खाना!
सब कुछ सह कर हमेशा हँसते
मुस्कुराना भी मैंने देखा है!
माँ तेरे आंचल में मैंने खुद को
बड़ा होते हुए देखा है!
तेरा परिवार के प्रति त्याग समर्पण
प्रेम भाव कोई भुला नहीं सकता!
पूरे परिवार को मिलजुलकर एक साथ
कैसे रखा जाता है तेरा यह नेतृत्व
मैंने देखा है!
माँ तेरे आंचल में मैंने खुद को
बड़ा होते हुए देखा है!