मेरा भी स्वाभिमान है
मेरा भी स्वाभिमान है
ईमानदार हूं अपने धर्म कर्म
कर्तव्य से यही मेरी पहचान है
नहीं आती मुझे चमचागिरी करनी
हां मेरा भी अपना स्वाभिमान है।
ऐसा भी आगे बढ़ना नहीं आता
नहीं सीखा कभी सर झुकाना
अपना मतलब निकालने के लिए
क्योंकि ईश्वर मुझ पर बहुत मेहरबान है
हां मेरा भी अपना स्वाभिमान है
कभी टूट जाता हूं तो बैठ
जाता हूं मां की गोद में
प्यार और आशीर्वाद से भरा
हुआ मेरा भी एक मकान है
हां मेरा भी अपना स्वाभिमान है
नहीं आती मुझे शर्म अमीर गरीब होने में
चलता हूं सर उठा कर इस जमीन पर
अपनी अंतरात्मा में मेरा खुद एक सम्मान है
हां मेरा भी अपना स्वाभिमान है
करता रहूं इज्जत मात पिता
परमात्मा बड़े बुजुर्गों की
ऐसा करने से कभी नहीं
कम होता मनुष्य का मान है
हां मेरा भी अपना स्वाभिमान है।
