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amit Rajput

Romance

4  

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सुहानी बसंत ऋतु

सुहानी बसंत ऋतु

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हे बसंत ऋतु तुम हर साल में बहुत बार आया करो !

अपनी मीठी मीठी बातों से मुझे हर बार हंसाया करो !


हे बसंत ऋतु तुम हर साल में बहुत बार आया करो !

मन में बसी है वो पिया संग बिताई हुई हसीन रातें !


मुझको देख कर हंस कर यू इतराया आया ना करो !

हे बसंत ऋतु तुम हर साल में बहुत बार आया करो !


कबी रूठ कर बैठ अगर मेरा पिया कभी मुझसे !

अपनी शीतलता चंचलता और लोरियों से मनाया करो !


हे बसंत ऋतु तुम हर साल में बहुत बार आया करो !


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