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Kawaljeet GILL

Abstract

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Kawaljeet GILL

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नाम नहीं कोई तेरे मेरे रिश्ते का

नाम नहीं कोई तेरे मेरे रिश्ते का

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बन्धन बंध जाते हैं कुछ ऐसे भी

जिनकी ख़बर नही होती दुनिया को

प्यार जब हो सच्चा वो साथी लगे प्यारा प्यारा

प्यार हो चाहे एक तरफा ही

जान उस पर निसार करने को जी चाहे।


होती नहीं है ख़बर खुद को भी

किसी के लिए उम्र भर इन्तजार करने को जी चाहे

ये प्यार की डोर जो बंध जाए किसी संग

तो दुनिया मे कुछ और ना नजर आए

जहां भी नजर उठा कर देखे तो

बस एक ही चेहरा नजर आए।


ऑनलाइन की दोस्ती भी होती है कुछ ऐसी 

दिल से दिल जब मिल जाते हैं

वो दोस्त लगने लगते हैं फिर अपने से

मिलते नहीं हम उनसे कभी फिर भी

एक प्यारा सा रिश्ता बन जाता है

कुछ दिनों की दूरी हो भी जो जाए

पर बसे रहते हैं वो दिल में।


दिल में है क्या उनके ये एहसास भी

एक दूजे के समझ जाते हैं

एक दूजे से मिले बिना भी

हाल एक दूजे का जानते हैं

ये अनकहे रिश्ते भी

जिनका कोई नाम नहीं होता

दिलों में जन्मों जन्मों सा रिश्ता बना जाते हैं।



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