नवचेतन का अंकुर...
नवचेतन का अंकुर...


नवचेतना का अंकुर फूटा है,
नए नए ख्वाब सजाये है आँखों में,
नई नई उम्मीदें फिर से जगी है,
तेरे आने की उम्मीद एक खुशी दे गई,
ख्वाबों में आकर तुमने अपने आने
का संदेशा हमको दिया,
ख्वाब हमारे सच्चे होते है ये हम जानते है,
तेरी बातों से भी मेरे ख्वाबों की सच्चाई को
नई उम्मीदें मिल गयी,
तुझ पर भरोसा हम को रब से ज्यादा है,
तूने जीना सिखाया मुझको तेरी सच्चाई पर
यकीन हमको,
एक तेरे अलावा किसी से हम बात करते नहीं,
तेरे सिवा हमको कोई और भाता नहीं,
मेरी उम्मीदें के नए आशियाने को टूटने ना देना,
एक तेरी उम्मीद पर सारी दुनिया भुला दी हमने,
एक तेरे सहारे हमको ये दुनिया में जीना है
खुश होना है,
अब ये इन्तजार जल्दी खत्म कर देना मेरा ।