दिल की किताब
दिल की किताब


दिल की किताब भी पढ़ते है,
तेरा हाले दिल भी सुनते है,
चीख चीख कर मेरा नाम लेता है,
मुझको हर पल तुम पुकारते हो,
जब भी हिचकी आती है तेरी ही
याद आती है,
तेरे सिवा और कोई भाता नही हमको,
तेरे बिना एक पल रहा जाता नही हमसे भी,
अब तू ही बता हमको क्या करे हम तुम,
जिंदगी गुजर गयी इस किताब को पढ़ते पढ़ते,
अब तो खुद ही शायर बन गए हम तो,
जाने फिर भी शायद कुछ बाकी रह गया,
शायद ये किताब के पन्ने अभी बाकी है।